अयोध्या। अयोध्या राम मंदिर को पूरा करने में अब तय समय सीमा से दो महीने ज्यादा का समय लगेगा। अभी भी राम मंदिर के शिखर का काम पूरा होना बाकी है।
राम मंदिर के निर्माण कार्य की समय सीमा दो माह बढ़ा दी गई है। राम मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा नहीं हो पाएगा। अब फरवरी के अंत तक ही तीन मंजिला 161 फीट ऊंचा राम मंदिर बनकर तैयार हो पाएगा। साथ ही राम मंदिर समेत अन्य मंदिरों की समय सीमा जून 2025 तय की गई है। मजदूरों की कमी व मौसम की प्रतिकूलता के चलते मंदिर निर्माण की गति प्रभावित हुई है।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि राम मंदिर के शिखर का निर्माण अभी होना बाकी है। इसके निर्माण में कम से कम 120 दिन लगेंगे। इसलिए अब राममंदिर दिसंबर तक पूरा नहीं पाएगा। फरवरी के अंत तक शिखर समेत मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा होने की संभावना है। बताया कि मंदिर व सप्त मंडपम के निर्माण के बीच पुष्करणी यानी जल निकासी के लिए एक छोटा तालाब बनाने पर भी मंथन चल रहा है। जिसमें भगवान को स्नान के बाद फर्श पर गिरने वाले पानी को इस पुष्करणी में एकत्र किया जाएगा।
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राममंदिर परिसर में बनने वाले ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस व ट्रस्ट कार्यालय के निर्माण की आधारशिला अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में रखी जाएगी। इसके निर्माण में लगभग आठ महीने लगेंगे। सप्त मंडपम के सभी मंदिरों में अभी शिखर व फर्श का काम बाकी है। मूर्ति 15 दिसंबर तक आ जाएगी। उसके बाद उसकी स्थापना होगी। उसी समय निर्णय लिया जाएगा कि किस क्रम में मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। संभवत: महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति सबसे पहले स्थापित की जाएगी।
फसाड लाइटिंग के लिए टेंडर जारी।
नृपेंद्र ने बताया कि मंदिर के दूसरे तल पर जो भी लाइटिंग होगी वह मंदिर के वातावरण के अनुसार होगी। जो भी लाइटिंग की जाएगी वह इस प्रकार की हो कि श्रद्धालुओं में श्रद्धा का भाव पैदा करे, ऐसा प्रयास है। लाइटिंग के ट्रायल लिए गए हैं, उसका टेंडर जारी किया जा चुका है। टेंडर में कंपनियां बताएंगी वह किस प्रकार की लाइट मंदिर पर करेंगी। कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कंपनियां लाइटिंग के लिए आ रही हैं।