रिपोर्ट– धर्मेंद्र कुमार सिंह।
अयोध्या। महापौर अयोध्या महंत गिरीश पति त्रिपाठी की अध्यक्षता में आज राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत दिनांक 24 सितम्बर से 02 माह तक तम्बाकू मुक्त युवा अभियान को सफलता पूर्वक क्रियान्वयन हेतु सर्किट हाउस अयोध्या में प्रेस प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की गयी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनसमुदाय को जनपद में लागू कोटपा अधिनियम को और प्रभावी रूप से लागू किये जाने के साथ ही जनपद में तम्बाकू नियंत्रण कानून कोटपा 2023 के समस्त धाराओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि धारा 4 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध है तथा 200 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, धारा 5 तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर प्रतिबंध, धारा 6 (क) के तहत 18 वर्ष के कम आयु के नाबालिकों को तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध तथा धारा 6 (ख) के तहत शिक्षण संस्थान के 100 गज के भीतर तम्बाकू उत्पादों की बिक्री दण्डनीय है। इसको जनपद में प्रभावी ढंग से अमल में लाने के लिए जनसहभागिता व मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। मा0 महापौर ने कहा कि तम्बाकू मुक्त युवा अभियान अंततः तम्बाकू और मनुष्यों में इसकी लत को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ने में सक्षम बनायेगा। राष्ट्र के सक्षम चुनौतियां विकट है विशेषकर तम्बाकू उपयोग कर्ताओं की संख्या और रोगों की जटिलता दोनों में। बढ़ते गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) को देखते हुये और वह भी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले वंचित लोगों के बीच। इसलिए एनसीडी के सभी सामाजिक निर्धारकों को ध्यान में रखना और बड़े पैमाने पर तम्बाकू के प्रयोग पर अंकुश लगाना अनिवार्य हो जाता है। उन्होंने तम्बाकू मुक्त अयोध्या को बनाने के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 1800112356 पर सम्पर्क कर और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत आज से तम्बाकू मुक्त युवा अभियान प्रारम्भ हो रहा है जो आगामी दो माह तक चलाया जायेगा। इस अभियान में जनजागरूकता गतिविधियों, तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के निर्देशों का अनुपालन कोटपा 2023 और पी0ई0सी0ए0 2019 के प्रवर्तन को बढ़ाना, तम्बाकू मुक्त गांव पहल और सोशल मीडिया जुड़ाव को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू का हर वर्ग में बढ़ता हुआ उपयोग एक महत्वपूर्ण जन स्वास्थ्य समस्या बन गया है। भारत में प्रतिवर्ष करीब 13 लाख लोग तम्बाकू के उपयोग के कारण असमय मृत्यु के शिकार हो जाते है जिसे समय रहते बचाया जा सकता है। बढ़ते तम्बाकू के प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए इस पर चैतरफा दृष्टिकोण के साथ कार्य करना की आवश्यकता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति पर इसका जितना प्रभाव पड़ता है उतना ही प्रभाव उसके आसपास रहने वाले लोगों पर पड़ता है जिसमें बच्चें एवं महिलाएं शामिल है। तम्बाकू के उपयोग के कारण कई घातक बीमारी यथा-हृदय रोग, श्वसन रोग तथा कैंसर प्रमुखता से है। L