अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में 22वां डॉक्टर आर.एस. मूर्ति स्मारक व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम इंडियन सोसाइटी ऑफ सॉइल साइंस नई दिल्ली एवं मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग कृषि विवि अयोध्या के तत्वाधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर किया।
कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने मृदा स्वास्थ्य के सुधार को लेकर विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य को तीन घटकों में बांटा गया है और ये तीनों घटक एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। मृदा स्वास्थ्य सुधार के लिए मृदा में पोषक तत्वों की कमी को दूर करना होगा। कहा कि हरी खाद का कम प्रयोग, मृदा अपरदन को रोकने के साथ-साथ खेतों की कम जुताई और फसल चक्र में विविधता लाने की जरूरत है। कुलपति ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य सुधार के लिए समय-समय पर जागरूक रहने की जरूरत है।
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान से आए वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ संजय अरोड़ा ने कहा कि मृदा लवणता को रासायनिक एवं जैविक कारकों द्वारा सुधार कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके सुधार के लिए जल निकासी, लवण सहनशील प्रजातियां, सिंचाई प्रथाओं में बदलाव, जिप्सम का प्रयोग और चूने का भी प्रयोग किया जाता है। लवण प्रभावित जमीन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए लवण सहनशील प्रजातियों की केती की जा सकती है। कहा कि खेतों में ड्रिप या माइक्रो जेट सिंचाई जैसी बेहतर सिंचाई प्रथाओं से सिंचित खेती की जा सकती है। कृषि अधिष्ठाता डॉ. प्रतिभा सिंह ने कहा कि यह व्याख्यान छात्रों एवं संकाय सदस्यों के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। अपर निदेशक प्रसार डॉ. आर. आर. सिंह ने भी लवण्य मृदा के सुधारों पर चर्चा किया।
स्वागत संबोधन अयोध्या चैट्र के अध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार व धन्यवाद ज्ञापन अयोध्या चैट्र के उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार ने दिया। इस मौके पर कुलपति के सचिव डा. जसवंत सिंह, डा. रमेश सिंह, डा. आर.के यादव, डा. आलोक सिंह, डॉ. सीता राम मिश्रा, डॉ. रोबिन कुमार, डॉ. सुशील कुमार यादव, डा. महेंद्र सिंह, डॉ. अभिनव सिंह, डा. आर.एस मूर्ति, डॉ. संजीव सिंह, डॉ. अभिनंदन सिंह और डॉ. आनंद सिंह सहित अऩ्य लोग मौजूद रहे।