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October 15, 2024 1:37 am

IAS Coaching

डीएम ने महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर में किया ध्वजारोहण।

डीएम की अध्यक्षता में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती कलेक्ट्रेट में हर्षाेल्लास के साथ मनाई गई।

जिलाधिकारी ने महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर जनपद वासियों को दी हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।

महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी के जयंती के अवसर पर डीएम, एसपी व एडीएम ने वृक्षारोपण कर जनपदवासियों को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने का दिया संदेश।

अयोध्या। जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह की अध्यक्षता में आज सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी जी की 155वीं एवं इमानदारी व सादगी के प्रतिमूर्ति पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 120वीं जयंती श्रद्धा, सम्मान एवं हर्षाेल्लास के वातावरण में कलेक्ट्रेट में मनायी गयी।

जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट परिसर में एवं उससे पूर्व कैंप कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। तदुपरान्त जिलाधिकारी द्वारा कलेक्ट्रेट के अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों एवं छात्र/छात्राओं के साथ राष्ट्रगान गाते हुए देश की एकता, अखण्डता एवं अहिंसा की शपथ दिलायी गई।

जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने अपर जिलाधिकारीगण सहित सभी अधिकारीगणों, कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों एवं अन्य सम्भ्रान्त व्यक्तियों नें महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन करते हुये पुष्प अर्पित किया। इस अवसर पर कलेक्ट्रट में आयोजित विचार गोष्ठी में उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों, समाजसेवियों, पत्रकारों को गांधी जयन्ती एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती के पावन अवसर पर बधाई एवं उनके पधारने का धन्यवाद ज्ञापित करते हुये जिलाधिकारी नें अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के सिद्धान्तों एवं आदर्शों के व्यहारिक पक्ष को आत्मसात करना ही उनके प्रति हम सबकी सच्ची श्रद्धा होगी। उन्होंने गांधी जी के अहिंसात्मक नेतृत्व शैली, विचारधारा, सत्यनिष्ठा, देशभक्ति एवं शास्त्री जी के आत्मबल तथा साहस पर प्रकाश डालते हुये उपस्थित लोगों से इन महापुरुषों की जीवन शैली एवं कार्यशैली से सीख लेकर उसे अपनी कार्यशैली में सुमार करने हेतु प्रेरित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि गांधी जी और शास्त्री जी इच्छाशक्ति के धनी थे, विपरित परिस्थितियों में भी इन महापुरूषों ने अपने धैर्य, साहस एवं आत्मबल से देश और समाज को नई दिशा देने, देश के नागरिकों में आत्मनिर्भरता का जज्बा भरने का अनुकरणीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि गांधी जी एवं शास्त्री जी एक व्यक्ति न होकर “व्यक्तित्व” थे, उनके कार्य कुशलता अपने आप में अद्वितीय थी, इसीलिए आज हम सब उन्हें महापुरुष के रूप में याद करते हैं। उन्होंने गांधी जी के तीन महत्वपूर्ण आंदोलनों “असहयोग आंदोलन” “सविनय अवज्ञा आंदोलन” एवं “अंग्रेजों भारत छोड़ो” आंदोलन के तरीकों एवं सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी कोई समस्या हो तब हम सबको इन महापुरुषों के विचारों की ऊर्जा से ऊर्जावान रहकर कार्य करना है तथा समय के अनुसार हमें हर समस्या को अपने उपलब्ध संसाधनों से हल करने की कोशिश करना है।

जिलाधिकारी ने कहा कि आज केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलाया जा रहा *‘‘स्वच्छता  ही सेवा’’* गॉधी जी की ‘‘स्वच्छता’’ के प्रति सोच का परिणाम है। उन्होंने उपस्थित लोगों से इस अवसर पर गॉधी जी को श्रद्धाजली एवं श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ-साथ स्वच्छता के प्रति उनके विचार को साकार किये जाने और उस पर व्यवहारिक रूप से अमल करने की आवश्यकता पर बल देते हुए स्वच्छांजली के प्रति प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की शुरूआत खुद से एवं अपने घर से शुरू होती है, हमसब जिस प्रकार अपने घर साफ सुथरा रखना चाहते है उसी प्रकार अपने गॉव, शहर एवं सार्वजनिक स्थलों को भी स्वच्छ रखने का संकल्प लेना है।

अपर जिलाधिकारी गणों ने इस अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश, मानवता एवं समाज के हर वर्ग के सच्चे विकास के प्रति गांधीजी एवं शास्त्री जी की सोच को आज के परिवेश में वर्तमान सरकार के निर्देशन और मार्गदर्शन में विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से साकार किया जा रहा है। उन्होंने विभागीय योजनाओं के माध्यम से समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कराए जा रहे विकास कार्यों से जोड़ते हुए जनपद में हो रहे कार्यों की विकासगत रूपरेखा से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा किया। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुॅचाना और शासन की मंशा के अनुरूप समाज के अंतिम पायदान पर खड़े गरीब व्यक्ति का उत्थान करना और उसे शिक्षा, स्वास्थ्य एवं समाजिक विकास की मुख्य धारा से जोड़ना तथा महात्मा गॉधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के सपनों का भारत का निर्माण करने में सत्यनिष्ठा के साथ अपनी-अपनी भूमिका का निर्वहन करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धाजलि होगी।

इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने गांधी जी एवं शास्त्री जी के कर्मों, सिद्धान्तों और उनकी सरल जीवन शैली पर विभिन्न तरीकों और उदाहरणों को प्रस्तुत करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। वक्ताओं ने महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के विचारों में अहिंसात्मक दृढ़ता, सादगीपूर्ण परन्तु महत्वाकांक्षी व्यक्तित्व, उनका जीवन दर्शन आदि पर अपने विचार व्यक्त करते हुये वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसकी प्रासंगिकता की आवश्यकता पर जोर दिया।

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