आयुक्त अयोध्या मंडल अयोध्या ने महात्मा गांधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन किया अर्पित।
अयोध्या। मंडलायुक्त गौरव दयाल ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 155वीं गांधी जयन्ती समारोह के अवसर पर आयुक्त कार्यालय पर अपने अधीनस्थ कार्मिकों के साथ ध्वजारोहण किया गया तथा आयुक्त सभागार में विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जीवन एवं उनके सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया। इससे पूर्व मंडल आयुक्त ने अपने कैंप कार्यालय पर ध्वजारोहण किया।
मंडल आयुक्त गौरव दयाल ने आयुक्त कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में महात्मा गांधी जी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इसके साथ ही अपर आयुक्त प्रशासन एवं न्यायिक सहित आयुक्त कार्यालय के अन्य कार्मिकों ने ने दोनों महापुरुषों के चित्र पर पुष्पार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। महात्मा गांधी जी के प्रिय भजन-‘‘वैष्णव जन तो तेने कहिये‘‘ एवं ‘‘रघुपति राघव राजा राम‘‘ का गायन किया गया।
मण्डलायुक्त ने अपने संबोधन के दौरान दोनों महापुरुषों को नमन करते हुए कहा कि सौभाग्य की बात है कि दोनों महापुरुषों का जन्म दिवस एक साथ 02 अक्टूबर को पड़ता है। उन्होंने महात्मा गांधी जी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महात्मा गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में काले व गोरे लोगों में किए जा रहे भेदभाव को देखा तथा उन्हें भी भेदभाव को सहन करना पड़ा। महात्मा गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत आकर देश को आजाद कराने का संकल्प लिया।
महात्मा गांधी जी पूरे विश्व में स्वीकार्य है। महात्मा गांधी जी ने देश को आजाद कराने में अहम योगदान दिया। उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने में सभी महापुरुषों-नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, लाला लाजपत राय व चंद्रशेखर आजाद आदि ने अहम भूमिका निभाई, लेकिन महात्मा गांधी जी की भूमिका सबसे अलग थी। महात्मा गांधी जी ने योजना बनाकर आमजन का सहयोग लेकर अपने आंदोलन से आमजन को जोड़ा।
महात्मा गांधी जी ने खादी पर विशेष बल दिया। महात्मा गांधी जी ने जीवन भर सत्य व अहिंसा का पालन किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा लाल बहादुर शास्त्री जी साधारण परिवार से थे। प्रधानमंत्री के रूप में छोटे कार्यकाल में भी एक अहम छाप छोड़ी। उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों को इन दोनों महापुरुषों के जीवन दर्शन एवं सिद्धांतों को अपनाना चाहिए।