दिवाली के बाद बहुत उत्साह के साथ छठ महापर्व को मनाया जाता है। इस दौरान घाट पर बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। अब जल्द ही इस पर्व की शुरुआत होने वाली है। छठी मैया को समर्पित महापर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है। धर्मिक मान्यता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। छठ पूजा एक ऐसा पर्व है, जब डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर उपासना की जाती है। वहीं, सनातन धर्म में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। अगर आप भी छठ पूजा कर रहे हैं, तो इस पर्व के आने पहले से यह जरूर जान लें कि पूजा थाली में किन चीजों को शामिल करना चाहिए, जिससे पूजा में कोई रुकावट न आए। ऐसे में आइए इस लेख में जानते हैं छठ पूजा की सामग्री लिस्ट।
कब है छठ पूजा 2024
पंचांग के अनुसार, छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी 05 नवंबर से हो रही है। वहीं, इसका समापन अष्टमी तिथि यानी 08 नवंबर को होगा। इस दौरान छठी मैया और सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाएगी।
छठ पूजा सामग्री लिस्ट
- पीतल का पात्र
- फल
- सुपारी
- चावल
- सिंदूर
- फूल
- एक थाली
- पान
- गाय का घी
- शहद
- धूप
- शकरकंदी
- सुथनी
- गुड़
- सूप
- बड़ा वाला नींबू
- पानी वाला नारियल
- मिठाईयां
- गुड़
- अरवा का चाल
- गंगा जल
- बांस की दो बड़ी टोकरियां
- पीतल का एक लोटा
- ठेकुआ का भोग
- गेहूं, चावल का आटा
- साधक के लिए नए कपड़े
- 5 पत्तियां लगे हुए गन्ने
- मूली, अदरक और हल्दी का हरा पौधा
छठ पूजा में करें इन नियम का पालन
• छठ पूजा के दौरान व्रत रखने वाले जातक को पलंग या तखत पर नहीं सोना चाहिए। वह जमीन पर चादर बिछाकर सो सकता है।
• इस पर्व के चार दिन तक व्रती को नए वस्त्र धारण करने चाहिए।
• इसके अलावा मांस और मदिर का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से जातक को छठी मैया की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
• किसी से वाद-विवाद न करें। साथ ही बड़े बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान न करें।
• छठ पूजा के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। भारत समाचार 24×7 यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। भारत समाचार 24×7 अंधविश्वास के खिलाफ है।