रिपोर्ट–धर्मेंद्र कुमार सिंह।
अयोध्या। परम साध्वी माता ज्ञानमती ने कहा: पूर्ण समर्पण ही ईश्वर की भक्ति पाने का एकमात्र तरीका अयोध्या के श्री भगवान ऋषभदेव दिगम्बर जैन (बड़ी मूर्ति) मन्दिर, रायगंज में पंच दिवसीय ज्ञान ज्योति स्वाध्याय शिविर प्रारम्भ किया गया है। मन्दिर में भगवान ऋषभदेव की 31 फुट उत्तुंग प्रतिमा का शांति धारा पूर्वक महाअभिषेक सम्पन्न किया गया।महाराष्ट्र से आए हुए श्रद्धालु भक्तों के द्वारा भगवान का अभिषेक जल और दूध से किया गया जिसमें शांतिधारा करने का सौभाग्य नंद कुमार, जयकुमार फडे परिवार अकलूज, अभय कुमार जैन- हैदराबाद, विशाल चंद जैन-टिवैतनगर (बाराबंकी) को प्राप्त हुआ।भक्ति और निवृत्ति भक्ति करने वाला व्यक्ति संसार समुद्र से पार हो जाता है-माता ज्ञानमती इस अवसर पर जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माता ने अपने प्रवचन में कहा कि वर्तमान में संसार में भगवान की भक्ति के दो ही मार्ग बताए हैं। भक्ति और निवृत्ति भक्ति करने वाला व्यक्ति संसार समुद्र से पार हो जाता है। आज भगवान की साक्षात् भक्ति का मार्ग प्रथम है जो कि गृहस्थ धर्मावलम्बी करते हैं।उन्होंने कहा कि द्वितीय मार्ग निवृत्ति मार्ग है जिसे श्रावक अपने जीवन में संयास को धारण करके संसार से निवृत्त होकर के भगवान की भक्ति में सम्पूर्ण जीवन को समर्पित कर देता है।कि युवाओं की सबसे पुरानी संस्था अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवा परिषद का आज स्थापना दिवस है। सन् 1977 में महाराष्ट्र के फलटन नगर में आचार्यरत्न देशभूषण जी के सानिध्य में स्थापना की गई थी।वर्तमान में उस संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन प्रकाश जैन, मुख्य संयोजक विजय कुमार जैन-जम्बूद्वीप हस्तिनापुर महामंत्री, उदयभान जैन-जयपुर कर्याध्यक्ष विजेन्द्र कुमार जी जैन दिल्ली हैं।उन्होंने कहा कि सारे देश में लगभग 350 शाखाएँ कार्यरत हैं, सभी शाखाओं के माध्यम से सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न किए जा रहे हैं।भगवान ऋषभदेव के 101 पुत्र जो मोक्षगामी थे, उनके मन्दिर का निर्माण हो रहा।अयोध्या क्षेत्र धर्म के पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामी जी ने शांति धारा के मंत्रों का उच्चारण किया एवं विधिवत् पंचामृत महामस्तकाभिषेक सम्पन्न कराया। तीर्थ के सम्पूर्ण विकास में अग्रसर स्वामी ने बताया कि सम्पूर्ण निर्माण कार्य में मुख्य रूप से भगवान ऋषभदेव के 101 पुत्र जो मोक्षगामी थे, उनके मन्दिर का निर्माण एवं तीस चौबीसी के 720 तीर्थंकर भगवंतों के मन्दिर का निर्माण भव्य तीन लोक की रचना निर्मित की जा रही है।प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आगामी 2 मार्च से 6 मार्च तक जिसका महापूजन प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आगामी 2 मार्च से 6 मार्च तक सम्पन्न किया जाएगा। जिसमें सारे देश से अनेकों श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। जैन मन्दिर के प्रवक्ता और प्रतिष्ठ आचार्य विजय कुमार जैन ने बताया कि महाराष्ट्र से आए भक्तों ने त्रिभुवन तिलक विधान का आयोजन किया जिसके मुख्य संयोजक पंकज जी शाह-पूना हैं। उनके नेतृत्व में यह कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है।त्रिभुवन के सभी जिनालयों के भक्ति पूर्वक अर्घ्य समर्पण किया जा रहा है जिसमें तीन लोक के कृत्रिम-अकृत्रिम जिनालयों विराजमान जिनबिम्बों को भक्ति पूर्वक अर्घ्य समर्पित किया जा रहा है।शाम को 108 दीपकों से श्रीजी की आरती सम्पन्न की गई।प्रातःकाल झण्डारोहण पूर्वक कार्यक्रम का शुभांरम्भ हुआ। जिसमें सांगली से आए पंडित दीपक उपाध्ये के द्वारा सम्पूर्ण विधि विधान सम्पन्न कराया जा रहा है इसी शृंखला में मध्याह्न में प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती माता के द्वारा गोमटसार जीवकाण्ड की गाथाओं के ऊपर मंगल प्रवचन एवं स्वाध्याय करवाया गया, शाम को 108 दीपकों से श्रीजी की आरती सम्पन्न की गई एवं विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम महाराष्ट्र भक्त मण्डल के द्वारा सम्पन्न किया गया।