Explore

Search

January 9, 2025 1:59 am

भारत सरकार ने HMPV वायरस के लिए जारी किए दिशा निर्देश, पढ़े और करें रख रखाव।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार को भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (#HMVP) के तीन मामलों की पुष्टि हुई, जो देश में इस वायरस का पहला मामला है।

♦️ बेंगलुरु में तीन महीने का बच्चा, जिसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, और आठ महीने का बच्चा, जो अस्पताल में भर्ती है, ये दो मामले हैं। अहमदाबाद में दो महीने का बच्चा भी संक्रमित पाया गया।

▪️पहला केस कर्नाटक में 8 महीने का बच्चा

▪️दूसरा केस कर्नाटक में 3 महीने की बच्ची

▪️तीसरा केस गुजरात में 2 महीने का बच्चा

♦️ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वह सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहा है। उसने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (IMCR) पूरे साल HMVP परिसंचरण के रुझानों पर नज़र रखना जारी रखेगी।

♦️ कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली की सरकारों ने HMVP से संबंधित संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कोविड-19 के दौरान अपनाए गए दिशा-निर्देशों के समान दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

HMPV वायरस क्या है?

♦️ HMPV एक RNA वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। इससे खांसी या गले में घरघराहट हो सकती है। नाक बह सकती है या गले में खराश हो सकती है। इसका जोखिम ठंड के मौसम में ज्यादा होता है।

🔖 HMPV वायरस कैसे फैलता है?

♦️ HMPV वायरस खांसने और छींकने से फैलता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, वायरस से संक्रमित किसी वस्तु को छूने से भी यह फैल सकता है। इसके लक्षण संक्रमित होने के बाद 3 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं।

HMPV डिजीज के लक्षण क्या हैं?

♦️ इसका सबसे कॉमन लक्षण खांसी और बुखार है। शुरुआत में इसके लक्षण सामान्य वायरल जैसे ही दिखते हैं, लेकिन वायरस का असर अगर ज्यादा है तो निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने का खतरा भी हो सकता है।

HMPV डिजीज के लक्षण निम्नलिखित हैं:

▪️खांसी

▪️बुखार

▪️नाक बहना

▪️गला खराब होना

▪️घरघराहट

▪️सांस की तकलीफ

▪️रैशेज

🔖 HMPV कोरोना वायरस की तरह है?

♦️ HMPV वायरस (Paramyxoviridae Family) और कोरोना वायरस (Coronaviridae Family), दोनों अलग फैमिली का हिस्सा हैं। इसके बावजूद इनमें कई चीजें मेल खाती हैं।

🔸रेस्पिरेटरी इलनेस: दोनों वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं।

🔸ट्रांसमिशन: दोनों वायरस सांस और दूषित सतह के संपर्क से फैलते हैं।

🔸लक्षण: दोनों वायरस के लक्षण एक जैसे हैं। इनमें बुखार, खांसी, गले में खराश, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ होती है।

🔸वलनरेबल ग्रुप: दोनों वायरस से सबसे अधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को होता है।

🔸प्रिवेंशन: दोनों वायरस में बचाव के लिए हाथ साफ रखना, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग महत्वपूर्ण उपाय हैं।

🔖 क्या यह वायरस कोरोना की तरह पूरी दुनिया में फैल सकता है?

♦️ यह कोई नया वायरस नहीं है। पिछले साल भी चीन में इसके फैलने की खबर आई थी। साल 2023 में नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में भी इस वायरस का पता चला था। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सबसे पहले नीदरलैंड में साल 2001 में इसका पता लगाया गया था। हालांकि इसे कम-से-कम 50 साल पुराना वायरस माना जाता है।

♦️ इस वायरस का अभी तक कोई ऐसा वैरिएंट देखने को नहीं मिला है, जो कोरोना की तरह विस्फोटक अंदाज में फैलता है।

🔖 क्या इस बीमारी का कोई इलाज या वैक्सीन है?

♦️ HMPV वायरस के लिए अभी तक कोई एंटीवायरल दवा नहीं बनी है। हालांकि, ज्यादातर लोगों पर इसका बहुत सामान्य असर होता है। इसलिए घर पर रहकर ही इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। जिन लोगों में गंभीर लक्षण विकसित होते हैं, उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, IV ड्रिप और कॉर्टिकास्टेरॉइड (स्टेरॉयड्स का एक रूप) दिए जाते हैं।

♦️ इस वायरस से निपटने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं की गई है। असल में HMPV वायरस के कारण अभी तक ऐसी स्थितियां नहीं बनी हैं कि इसके लिए कोई वैक्सीन बनाने की जरूरत पड़े।

🔖 भारत के हेल्थ ऑफिशियल्स ने HMPV को लेकर क्या कहा है?

♦️ देश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने कहा है कि भारत में इसे लेकर किसी गंभीर स्थिति की आशंका नहीं है। यहां पर मेटान्यूमोवायरस एक नॉर्मल रेस्पिरेटरी वायरस है। इससे जुकाम और फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

♦️ हालांकि, बुजुर्गों में और एक साल से कम उम्र के बच्चों में इसके लक्षण थोड़े गंभीर हो सकते हैं। इसके बावजूद यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है। हमारे अस्पताल स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

🔖 केंद्र सरकार की एडवाइजरी:

♦️ क्या करें?

    ▪️खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें।

▪️अपने हाथों को लगातार साबुन और पानी या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से धोएं।

▪️भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें। अगर आपको बुखार, खांसी और छींक आ रही है तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें।

▪️संक्रमण को कम करने के लिए कमरों में वेंटिलेशन की व्यवस्था करें।

▪️अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें और दूसरों से न मिलें।

▪️खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें।

♦️ क्या न करें?

▪️टिशू पेपर और रूमाल का दोबारा इस्तेमाल।

▪️बीमार लोगों के साथ नजदीकी संपर्क, तौलिये, आदि का इस्तेमाल ।

▪️बार-बार आंख, नाक और मुंह को छूना।

▪️सार्वजनिक स्थानों पर थूकना।

▪️चिकित्सक से परामर्श किए बिना खुद से दवा लेना।

Leave a Comment

Advertisement
Pelli Poola Jada Accessories
लाइव क्रिकेट स्कोर
Buzz4ai