बसन्त पंचमी। इस बार वसंत पंचमी 2 फरवरी को है या 3 फरवरी को? इस साल वसंत पंचमी की तारीख को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति बन गई है। इस स्थिति में काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि वसंत पंचमी कब है? सरस्वती पूजा की सही तारीख और मुहूर्त क्या है? उस दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं? वसंत पंचमी के अवसर पर रेवती नक्षत्र है।
इस साल वसंत पंचमी की तारीख को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति बन गई है। इस बार वसंत पंचमी 2 फरवरी को है या 3 फरवरी को? इसकी सबसे बड़ी वजह है वसंत पंचमी के लिए जरूरी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि। यह तिथि 2 फरवरी और 3 फरवरी दोनों दिन प्राप्त हो रही है। ऐसे में कहीं 2 फरवरी को तो कहीं 3 फरवरी को वसंत पंचमी की तारीख बताई जा रही है।
आइए जानते हैं कि वसंत पंचमी कब है? सरस्वती पूजा की सही तारीख क्या है? उस दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं?
वसंत पंचमी 2025 सही तारीख
वसंत पंचमी के लिए उदयातिथि की मान्यता है। पंचांग के अनुसार देखा जाए तो इस साल वसंत पंचमी के लिए माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी को दिन में 11 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और 3 फरवरी को सुबह 9 बजकर 39 मिनट तक रहेगी। 3 फरवरी को सूर्योदय 06:40am पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर वसंत पंचमी 3 फरवरी सोमवार को मनाना शास्त्र सम्मत है। उस दिन ही सरस्वती पूजा होगी।
2 फरवरी को पंचमी तिथि सूर्योदय के बाद प्राप्त हो रही है। सूर्योदय के समय जो तिथि होती है, वहीं पूरे दिन मान्य होती है। ऐसे में माघ शुक्ल पंचमी तिथि 3 फरवरी को होगी, न कि 2 फरवरी को।
वसंत पंचमी 2025 मुहूर्त
वसंत पंचमी वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:57 ए एम से 05:48 ए एम तक है। उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:50 am से दोपहर 12:34pm तक है. सरस्वती पूजा पर अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 06:40 Am से 08:03 am तक और शुभ-उत्तम मुहूर्त 09:26 Am से 10:49am तक है। चर-सामान्य मुहूर्त 01:35pm से 02:58pm, लाभ-उन्नति मुहूर्त 02:58pm से 04:21pm तक है।
सरस्वती पूजा मुहूर्त 2025
सरस्वती पूजा का मुहूर्त सुबह में 7 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 38 मिनट तक है, दूसरा मुहूर्त 10 बजकर 06 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक है।
2 शुभ योग में है वसंत पंचमी 2025
इस साल 3 फरवरी को वसंत पंचमी 2 शुभ योग में है। वसंत पंचमी के दिन साध्य और रवि योग बन रहे हैं। रवि योग सुबह में 6 बजकर 40 मिनट से बनेगा, जो रात में 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। वसंत पंचमी को प्रात:काल में साध्य योग बनेगा, जो 4 फरवरी को तड़के 3 बजकर 3 मिनट तक रहेगा. उसके बाद से शुभ योग रहेगा।
वसंत पंचमी के अवसर पर रेवती नक्षत्र है। रेवती नक्षत्र प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 16 मिनट तक है। उसके बाद से अश्विनी नक्षत्र है।
वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा
वसंत पंचमी के दिन ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा होगी। इस दिन को श्री पंचमी के नाम से भी जानते हैं। वसंत पंचमी के अवसर पर कामदेव और रति की भी पूजा करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी को देवी सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था, इसलिए इसे सरस्वती जयंती भी कहते हैं। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है।
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