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February 6, 2025 1:22 am

मैत्री महोत्सव में दिखा भारत-नेपाल सभ्यता और संस्कृति का संगम।

रिपोर्ट– रियाज अली।

  • भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव का भव्य शुभारंभ, एक मंच पर आए दोनों देशों के कलाकार
  • मित्र राष्ट्रों के झंडे तले कलाकारों का भारत-नेपाल बॉर्डर (अलीगढ़वां) पर हुआ स्वागत
  • दोनों देशों के रिश्तों को चट्टान सी मजबूती देगा मैत्री महोत्सव : जगदंबिका पाल

लखनऊ। भारत और नेपाल की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव-2025 का आज भव्य शुभारंभ भगवान गौतमबुद्ध की पावन स्थली सिद्धार्थनगर में हुआ। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में आयोजित सांस्कृतिक समारोह के पहले दिन मित्र राष्ट्रों के कलाकारों ने लोकनृत्य और पारंपरिक संगीत से दोनों देशों की साझा संस्कृति को प्रस्तुत किया।

भोजपुरी फिल्म अभिनेता व गायक दिनेश लाल यादव ‘ निरहुआ’ के गीतों ने अलग ही समां बांधा। इसे पूर्व भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा (अलीगढ़वां) पर दोनों देशों के झंडे तले संस्कृति विभाग, सशस्त्र सीमा बल और कलाकारों ने अतिथियों का भव्य स्वागत किया।

समारोह का शुभारंभ करते हुए सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव दोनों देशों के रिश्तों को चट्टान सी मजबूती देगा। उन्होंने कहा कि हमारा संबंध रोटी-बेटी के साथ ही सांस्कृतिक, भावात्मक और व्यापारिक भी है।

दोनों राष्ट्र एक दूसरे को विकास के शिखर तक ले जाने में अपना योगदान दे सकते हैं। सिद्धार्थनगर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कविता शाह ने कहा कि भारत नेपाल का सदियों से नाता रहा है। इस संबंध को हमें और प्रगाढ़ करना है।

नेपाल सरकार के पूर्व मंत्री ईश्वर दयाल मिश्र ने भारत – नेपाल के ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि हम इस रिश्ते को शब्दों में बयां नहीं कर सकते। सड़क, यातायात, हवाई अड्डा, स्वास्थ्य-शिक्षा, सिंचाई, संचार और सौर ऊर्जा सब भारत ने हमें दिया है।

सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी राजा गणपति आर ने मैत्री महोत्सव के लिए संस्कृति विभाग का आभार जताया और कहा कि इस आयोजन से दोनों देशों के संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

लुम्बिनी (नेपाल) विधायक विष्णुपंथी, विधायक मधुसूदन चौधरी, कपिलवस्तु के विधायक श्यामधनी राही ने भी दोनों देशों के सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक संबंधों की चर्चा की।

संस्कृति विभाग के सहायक निदेशक डॉ. राजेश अहिरवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव सांस्कृतिक यात्रा 5 फरवरी को सिद्धार्थनगर से प्रारंभ होकर महाराजगंज, कुशीनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी होते हुए 23 फरवरी को पीलीभीत में समाप्त होगी। इस मौके पर सिद्धार्थनगर के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक महाजन सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

लोक नृत्य और संस्कृति की दिखी झलक, निरहुआ के गीतों ने बांधा समां

भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव में कला एवं संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला। नेपाल से आए कलाकारों ने लोकनृत्य पेश कर जमकर तालियां बटोरी। अयोध्या के कलाकारों ने बधावा लोकनृत्य के साथ ही फरुहाई लोकरंग की प्रस्तुति दी।

भोजपुरी गायक दिनेश लाल यादव ‘ निरहुआ की गीतों पर दर्शक खूब झूमे। चले ला जब बुलडोजर …. ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं, सनातन धर्म है मेरा….ने श्रोताओं को देर तक बांधे रखा। करिश्मा पाण्डेय ने राम आएंगे-आएंगे …भजन प्रस्तुत कर दर्शकों की तालियां बटोरीं।

बृजेश दुबे व साथी कलाकारों के द्वारा, राम आए अवध की ओर … गीत पर लोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। पहले दिन के कार्यक्रम की समाप्ति पर सहायक निदेशक डॉ. राजेश अहिरवार ने कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
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