चैत्र नवरात्रि। नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होती है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री रखा गया। पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या थी, तब इनका नाम सती था। इनका विवाह शंकर जी से हुआ। प्रजापति दक्ष के यज्ञ में सती ने अपने शरीर को भस्म कर, अगले जन्म में शैलराज हिमालय के घर जन्म लिया। पार्वती और हैमवती भी उन्हीं के नाम हैं। नवदुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री का महत्व और शक्तियां अनंत हैं। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं की पूजा होती है।
घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त।
चैत्र नवरात्र 2025 पर घटस्थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पहला शुभ मुहूर्त सुबह 06.13 बजे से सुबह 10:22 बजे तक है. इसके बाद दोपहर 12:01 बजे से दोपहर 12.50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना कर सकेंगे।
नवरात्र घटस्थापना सामग्री
हल्दी, कुमकुम, जनेऊ,आम के पत्ते, पूजा के पान, हार-फूल, पंचामृत, कपूर, धूपबत्ती, निरांजन, गुड़ खोपरा, खारीक, बादाम, सुपारी, पांच प्रकार के फल, सिक्के, नारियल, चौकी पाट, कुश का आसन, नैवेद्य आदि।
मां शैलपुत्री पूजन विधि
1. चैत्र नवरात्रि 2025 के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. मंदिर को अच्छे से साफ करें।
3. पूजा शुरू करने से पहले अखंड ज्योति जला लें.l।
4. शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करें।
5. इसके बाद पूर्व की दिशा में मुख कर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और माता का चित्र स्थापित करें।
6. इसके बाद भगवान गणेश का आह्वान करें।
7. अब हाथों में लाल रंग का पुष्प लेकर मां शैलपुत्री का आह्वान करें।
8. मां को सिंदूर, अक्षत, धूप, गंध और पुष्प चढ़ाएं।
9. माता के मंत्रों का जप करें।
10. मां को प्रसाद अर्पित करें।
11. घी से दीपक जलाएं।
12. मां शैलपुत्री की आरती करें।
13. शंखनाद करें।
मां शैलपुत्री का भोग
मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी शुद्ध सात्विक चीजों का भोग लगाना चाहिए। घी से बने हलवे से मां शैलपुत्री को भोग लगा सकते हैं।
मां शैलपुत्री मंत्र का करें जाप।
माता शैलपुत्री की पूजा के समय इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
ऊं ऐं ह्नीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:
किस राशि के लिए शुभ
यह मेष और वृश्चिक राशि के लिए शुभ है।
आज का शुभ रंग : लाल
कौन से रंग के कपड़े पहनें
इनकी पूजा करते समय लाल और गुलाबी रंग के कपड़े पहनें
मां शैलपुत्री को लाल रंग बहुत प्रिय है। उन्हें लाल रंग की चुनरी, नारियल और मीठा पान भेंट करें।
कौन सी मनोकामनाएं होती हैं पूरी
शैलपुत्री के पूजन से संतान वृद्धि और धन व ऐश्वर्य की शीघ्र प्राप्ति होती है। मां सर्व फलदायी हैं।
आज के दिन का महत्व
नवदुर्गाओं में शैलपुत्री का सर्वाधिक महत्व है। पर्वतराज हिमालय के घर मां भगवती अवतरित हुईं, इसीलिए उनका नाम शैलपुत्री पड़ा। अगर जातक शैलपुत्री का ही पूजन करते हैं तो उन्हें नौ देवियों की कृपा प्राप्त होती है।
मां शैलपुत्री शुभकामना संदेश
मां शैलपुत्री आपके और आपके परिवार के लिए खुशियां, समृद्धि और सफलता, सकारात्मकता लेकर आए। हिमालय की जो है पुत्री, नाम है शैलपुत्री कैलाशवासी से किया विवाह, सती था नाम, यज्ञ में हुई सती, भस्म किया शरीर
नवरात्र के पहले दिन की शुभकामनाएं
मां शैलपुत्री आपके मां शैलपुत्री आपके जीवन को खुशियों, नई उमंग, धन, सफलता और शांति से भर दें, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन की ढेर सारी बधाई मां शैलपुत्री की शक्तियां हैं अनंत, आपको नवरात्र के पहले दिन की शुभकामनाएं।
