अयोध्या। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा राज्य महिला आयोगों (SWCs) के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य एवं सदस्य सचिवों के लिए तीन दिवसीय क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज अयोध्या, उत्तर प्रदेश में हुआ। यह कार्यक्रम 8 से 10 अप्रैल, 2025 तक आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य महिला आयोगों की कार्यक्षमता को सुदृढ़ करना है जिससे वे जमीनी स्तर पर महिला केंद्रित मुद्दों के समाधान में अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकें। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से सौ से भी अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय महिला आयोग की माननीय अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर ने उद्घाटन सत्र में भाग लिया, प्रतिभागियों से संवाद किया तथा विभिन्न सत्रों में मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने राज्य महिला आयोगों की भूमिका को और अधिक प्रभावशाली बनाने पर बल दिया। श्रीमती विजया रहाटकर ने सभी राज्य महिला आयोगों के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान किया।
अपने संबोधन में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती विजया रहाटकर ने बताया कि राज्य महिला आयोगों के पास बहुत से अधिकार हैं, जिसके माध्यम से अंतिम महिला तक पहुँचकर उसे सशक्त किया जा सकता है। श्रीमती विजया रहाटकर ने “विवाह पूर्व संवाद केन्द्र” की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि विवाह उपरांत व्यवधान न हो, इसलिए पूर्व में ही उचित काउंसलिंग का समाधान युवाओं को मिल सके, विवाह के बाद विवाद न हो इसलिए पहले ही संवाद उन्हें मिल जाए, इस दिशा में “विवाह पूर्व संवाद केन्द्र” एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
अगले दो दिनों में इस कार्यक्रम के अन्तर्गत यौन उत्पीड़न की रोकथाम (POSH) पर भी महत्वपूर्ण सत्र आयोजित होगा, जिसमें कार्यस्थलों पर उत्पीड़न की रोकथाम और निवारण के लिए संस्थागत तंत्र को सशक्त बनाने पर जोर दिया जाएगा। डिजिटल युग की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, साइबर सुरक्षा पर भी एक सत्र आयोजित किया जाएगा जिससे राज्य महिला आयोगों के सभी प्रतिभागी ऑनलाइन खतरों को समझ सकें और महिलाओं को साइबर अपराधों से सुरक्षित रखने के उपाय जान सकें। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत केस हैंडलिंग और सुनवाई की प्रक्रिया पर भी प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें कानूनी ढांचा, सुनवाई के दौरान अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रक्रियाएं, दस्तावेज़ीकरण और रिपोर्टिंग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की जाएँगी।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य महिला आयोगों को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उचित प्रशिक्षण, अंतर-राज्यीय सहयोग और निरंतर क्षमता विकास को बढ़ावा देना है।
