रिपोर्ट–धर्मेंद्र कुमार सिंह।
अयोध्या। बीते दिनों जगतगुरु परमहंस आचार्य द्वारा अपने मंदिर तपस्वी छावनी पर कब्जे के प्रयास का आरोप लगाते हुए यह दावा किया गया था कि उनकी इस लड़ाई में पूरी हनुमानगढ़ी उनके साथ है। लेकिन मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में हनुमानगढ़ी के प्रमुख संत-महंतों ने इस दावे का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि हनुमानगढ़ी का किसी भी प्रकार के विवाद से कोई वास्ता नहीं है।
प्रेस वार्ता में संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं धर्मसम्राट श्री महंत ज्ञानदास जी के उत्तराधिकारी महंत संजय दास जी, महंत सत्यदेव दास जी, महंत मुरलीधर जी, राजेश दास पहलवान बाबा, रामचरण दास (बसंतिया पट्टी महंत) सहित सैकड़ों संत-महंत उपस्थित रहे। महंत संजय दास जी ने कहा कि
“हनुमानगढ़ी एक वैष्णव संप्रदाय की परंपरागत पीठ है, और यहां किसी भी प्रकार की अराजकता या विवाद का समर्थन नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि पूर्व में परमहंस आचार्य को तापसी छावनी के महंत पद पर प्रतिष्ठित करते समय कुछ सहयोग अवश्य रहा था, लेकिन वर्तमान में उनके किसी व्यक्तिगत विवाद में हनुमानगढ़ी की कोई भागीदारी नहीं है।
अन्य महंतों ने भी स्पष्ट किया कि हनुमानगढ़ी एक धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल है और यहां के संत किसी भी तरह के व्यक्तिगत विवादों में सम्मिलित नहीं होते। इस प्रेस वार्ता से स्पष्ट हो गया है कि हनुमानगढ़ी का नाम लेकर किसी भी निजी विवाद को धार्मिक रंग देने का प्रयास संत समाज स्वीकार नहीं करेगा।
