रिपोर्ट– अनुपम सिंह
सिल्ट सफाई के कार्य निर्धारित विभागीय मापदण्डों के अनुसार हो, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए-मंत्री जलशक्ति
लखनऊ। सिल्ट सफ़ाई का भौतिक सत्यापन कराया जाए, लापरवाही/ अनियमितता पर जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए कार्रवाई की जाए-मंत्री जलशक्ति सिल्ट सफाई का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व, कार्य के दौरान तथा कार्य के पश्चात फोटोग्राफी कराने के साथ स्वस्थ की जियो टैगिंग भी कराई जाए-मंत्री जलशक्ति सिल्ट सफ़ाई के कार्यों का ड्रोन से वीडियोग्राफी इस प्रकार कराई जाए जिसमें कार्य प्रारंभ के पूर्व एवं कार्य के पश्चात दोनों स्थितियां प्रदर्शित हों-मंत्री जलशक्ति। नहरों से निकाली गयी सिल्ट का डिस्पोजल ठीक ढंग से किया जाए-मंत्री जलशक्ति।
जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिल्ट सफाई के कार्य निर्धारित विभागीय मापदण्डों के अनुसार हो, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाए, नहरों की सिल्ट सफाई के कार्यों की गुणवत्ता एवं कार्यों में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु मुख्यालय स्तर से गठित विभागीय समितियों एवं उच्चाधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। किसी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने यह निर्देश आज यहाँ उदयगंज स्थित सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग के मुख्यालय स्थित सभागार में नहरों के सिल्ट सफाई के संबंध में मुख्य अभियंताओं के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि नहरों की सिल्ट सफाई झंडी के साथ लाइन डोरी लगाकर इस प्रकार की जाये कि नहर का संरेखण एवं घुमाव स्थापित रहे। पुलों के नीचे जमा सिल्ट भी विशेष ध्यान देकर साफ कराई जाए। श्री स्वतंत्र देव सिंह ने निर्देश दिया कि नहरों से निकाली गयी सिल्ट का डिस्पोजल ठीक ढंग से किया जाए। नहर के आंतरिक भाग में सिल्ट न छोड़ी जाये, उसका संतोषजनक डिस्पोजल किया जाए, नहरों से निकाली गयी सिल्ट का उचित डिस्पोजल सुनिश्चित करने के लिये अल्पिकाओं हेतु अवर अभियन्ता एवं राजवाहों हेतु सहायक अभियन्ता व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगें तथा वे अपनी प्रत्येक माइनर/राजवाहा को निरीक्षण कर सिल्ट के समुचित डिस्पोजल कर दिये जाने का प्रमाण-पत्र भी उपलब्ध करायेगें।
जलशक्ति मंत्री ने निर्देश दिए कि सभी कार्यों को पारदर्शी ढंग से कराते हुए सिल्ट सफाई के कार्य का समुचित अभिलेखीकरण भी कराया जाए। कार्य प्रारम्भ से पूर्व, कार्य के दौरान तथा कार्य के पश्चात फोटोग्राफी इस प्रकार की जाये कि स्थल की जियोटैगिंग हो जाये तथा फोटोग्राफ में अक्षांश/देशान्तर के साथ नहर का नाम एवं जनपद का नाम अवश्य अंकित किया जाये। किये गये कार्यों का ड्रोन से वीडियोग्राफी कराकर इस प्रकार वीडियो बनायी जाये कि कार्य के पूर्व में एवं कार्य के पश्चात दोनों स्थितियां साथ-साथ प्रदर्शित हों। बाद में नहर चलते हुए भी नहर के हेड का तथा टेल का फोटोग्राफ लेकर के रखा जाये, जिससे कराये गये कार्य का अंतिम परिणाम भी प्रदर्शित हो सके।
श्री स्वतंत्र देव सिंह ने निर्देश दिए कि नहरों की सिल्ट सफाई/स्क्रैपिंग कराने के लिये नहरों की सूची बनाई जाये जिसमें जनपद, विकासखण्ड एवं विधानसभा का नाम हो, जिसमें नहर के आन्तरिक सेक्शन में करायी जाने वाली सिल्ट सफाई की लम्बाई/स्क्रैपिंग की लम्बाई दी गई हो। नहरों के हेड पर या समीचीन स्थान (जहाँ लोगों का आवागमन हो) पर एक बोर्ड लगाया जायेगा, जिस पर खण्ड का नाम, नहर का नाम, सिल्ट सफाई की रींच, धनराशि सहायक अभियंता, अवर अभियंता एवं ठेकेदार का नाम व मोबाइल नं० अंकित किया जाय।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग श्री अनिल गर्ग, प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष श्री अखिलेश सचान, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन श्री संदीप कुमार सहित विभिन्न संगठनों के मुख्य अभियंता एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।