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January 14, 2025 2:06 pm

करवा चौथ व्रत सामग्री, पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, कथा, आरती, यहां जाने सरगी का टाइम और सारे मुहूर्त।

करवा चौथ वर्त। करवा चौथ का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है जो हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। जानिए इस साल करवा चौथ कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा और इस पूजा में क्या-क्या सामान लगेगा।

हिंदू कैलेंडर अनुसार करवा चौथ का त्योहार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। इस साल ये तिथि 20 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 46 मिनट से लग रही है और इसकी समाप्ति 21 अक्टूबर की सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगी। करवा चौथ व्रत की शुरुआत सुबह सरगी के साथ होती है। ये सरगी सूर्योदय से पहले ली जाती है। महिलाएं शुभ मुहूर्त में सरगी खाकर अपना व्रत शुरू करती हैं। बता दें करवा चौथ व्रत सूर्योदय से लेकर रात में चांद निकलने तक रखा जाता है।

करवा चौथ पूजा मुहूर्त 2024 

करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:46 से 07:02 तक रहेगा। जबकि व्रत का समय 06:25 AM से 07:54 PM तक रहेगा।

करवा चौथ 2024 पर चांद निकलने का समय

करवा चौथ पर चांद निकलने का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट का है।

करवा चौथ की थाली

करवा चौथ की थाली में चांद को अर्घ्य देने के लिए तांबे का लोटा, फल-फूल, सुहाग से जुड़ा सामान, करवा माता की फोटो, सींक, करवा, छलनी, आटे का दीया, जल, मिठाई, रोली, चंदन, कुमकुम, अक्षत, सिंदूर होता है।

करवा चौथ पूजा सामग्री

करवा माता की तस्वीर, छलनी, कुमकुम, रोली, चन्दन, फूल, कलश भर जल, करवाचौथ व्रत की कथा, हल्दी, चावल, मिठाई, अक्षत, पान, मिट्टी का करवा (कलश), दही, देसी घी, कच्चा दूध, मौली, शक्कर, शहद, नारियल।

करवा चौथ व्रत का महत्व

करवा चौथ व्रत महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस व्रत में करवा माता, भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय भगवान के साथ-साथ गणेश जी की पूजा की जाती है। महिलाएं अपने व्रत को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद खोलती हैं। ये एक बेहद कठोर व्रत माना जाता है क्योंकि इस दिन अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता है। कई जगह इस व्रत को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

करवा चौथ में सरगी

करवा चौथ का त्यौहार सरगी के साथ आरम्भ होता है। ये रस्त व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले निभाई जाती है। इस दौरान व्रती महिलाएं सात्विक भोजन करती हैं। अमूमन सरगी सास अपनी बहू के लिए बनाती हैं। सरगी में भोजन, फल, पानी, मेवे और मिठाई आदि चीजें होती हैं।

करवा चौथ की शाम में क्या किया जाता है 

करवा चौथ की शाम को महिलाएं श्रृंगार करके एकत्रित होती हैं और फिर फेरी की रस्म करती हैं। इस रस्म के दौरान महिलाएं एक घेरा बनाकर बैठती हैं और अपनी-अपनी पूजा की थाली एक-दूसरे को देकर पूरे घेरे में घुमाती हैं। इस दौरान एक बुज़ुर्ग महिला करवा चौथ की कथा सुनाती है।

करवा चौथ की पूजा-विधि

करवा चौथ की पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें। फिर इसमें 10 से 13 करवे रखे जाते हैं। इसके साथ ही पूजा के स्थान पर पूजन-सामग्री में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर आदि एक थाली में रख लें। मंदिर में दीपक जलाएं। करवा माता के साथ-साथ भगवान शिव, पार्वती जी, कार्तिकेय जी और गणेश भगवान की विधि विधान पूजा करें। फिर करवा चौथ की कथा सुनें। इसके बाद चांद निकलने पर चांद की पूजा करें। इस दिन चन्द्र दर्शन छलनी के द्वारा किया जाता है और साथ ही दर्शन के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। चन्द्र-दर्शन के बाद बहू अपनी सास को थाली में मिष्ठान, फल, मेवे, रूपये आदि चीजें देकर उनका आशीर्वाद लेती हैं।

करवा चौथ कथा

करवा चौथ व्रत कथा के अनुसार एक साहूकार के सात बेटे थे और साथ ही उसकी करवा नाम की एक बेटी थी। करवा चौथ के दिन बेटी ने अपने मायके में आकर अपनी भाभियों के संग व्रत रखा। जब सब भोजन करने लगे तो करवा के भाइयों ने अपनी बहन को भी भोजन करने के लिए कहा। इस पर करवा ने कहा कि जब तक चांद नहीं निकलेगा तब तक वह भोजन नहीं करेगी। अपनी भूखी-प्यासी बहन की हालत भाइयों से देखी नहीं गयी। तब उसके सबसे छोटे भाई ने एक दीपक दूर एक पीपल के पेड़ में प्रज्वलित किया और अपनी बहन से बोला – बहन चांद आ गया है अब अपना उपवास खोल लो। बहन नकली चांद को अर्घ्य देकर भोजन करने के लिए बैठ गई। जैसे ही उसने एक निवाला खाया वैसे ही उसके पति की मृत्यु हो गई। इसके बाद करवा शोकातुर होकर अपने पति के शव को लेकर एक वर्ष तक बैठी रही और पति के शव पर उगने वाली घास को इकट्ठा करती रही। अगले साल जब कार्तिक कृष्ण चतुर्थी आई तो उसने फिर से पूरे विधि-विधान से करवा चौथ व्रत किया, जिसके फलस्वरूप उसके पति के प्राण वापस आ गए।

करवा चौथ 16 श्रृंगार लिस्ट

  • सिंदूर
  • मेहंदी
  • आलता
  • कमरबंद
  • पायल
  • मांग टीका
  • झुमके
  • मंगल सूत्र
  • बाजूबंद
  • बिछिया
  • नथ
  • बिंदी
  • गजरा
  • अंगूठी
  • काजल
  • चूड़ियां

करवा चौथ सरगी

करवा चौथ की सरगी में 16 श्रृंगार की सामग्री का होना महत्वपूर्ण है। इसमें कुमकुम, बिंदी, मेहंदी, चूड़ी, साड़ी, सिंदूर, बिछिया, काजल आदि शामिल होते हैं। ये सभी चीजें सुहाग एवं अखंड सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती हैं।

 करवा चौथ पर सास को क्या दें

करवा चौथ पर महिलाएं व्रत खोलने के बाद अपनी सास को करवा (मिट्टी या अन्य धातु से बना एक विशेष बर्तन), मीठे पकवान, कपड़े और सुहाग से जुड़ी वस्तुएं देती हैं जिसे बायना भी कहा जाता है।

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